डर क्या होता है सबने बचपन में जरुर डरा होगा -झूठी अफवाहों से
डरना जरुरी हैं मगर अफवाहों से नहीं हकीकत से।
क्या अपने सुना हैं अक्फ्वाहो के बारे में अगर नहीं सुना तो मैं बताने जा रहा हूँ |ये साडी अफवाहे अंध विश्वास को भी जन्म देती हैं|ये सारी की सारी अफवाहे हर एक दो साल में अचानक आ जाती हैं |जिनका न कोई शिर होता हैं न ही उनका पैर होता हैं |सिर्फ लोगो को डरती हैं |लोंगो में दहसत पैदा करती हैं |लोग डरते हैं कुछ दिन के लिए सहम जाते हैं फिर बाद में पता चलता है की ये सब अफवाह था | इस लिए मेरा कहना कहें की आपलोग इन झूठी अफवाहों से बचे और सतर्क रहे |इन अफवाहों ने कई लोगो को लूथ भी हैं |आप लोग समझदार है तो इस तरह की ताकियानुसी अफवाहों से बचे |
लकड़बग्घा-
जब हम छोटे थे कई डरावनी अफवाहे हमे डरा जाती थी।स्कूल जाते तो अचानक पता चलता कि आज लकड़बग्घा निकाला हुआ है।जानवरों को मार कर खा जाता है।कई आदमियों पर हमला कर दिया हैं अकेले कही न जाना ।वरना बच्चों को भी मार कर खा जाता हैं ।लकड़बग्घा पहले सियार की तरह दिखता हैं।फिर भेड़ बकरियों को देखकर गधे की तरह बड़ा हो जाता है।शाम होते ही डर कर हम लोग घर से बाहर निकलना छोड़ देते थे।वास्विक में हमने लकड़बग्घा कभी नही देखा।जब बड़े हुए तो डिसकवरी चैनल में ही लकड़बग्घा को देखा और उसके बारे में जाना है।लकड़बग्घा वैसे तो बहुत ही खतरनाक जानवर हैं जो जंगल में ज्यादातर रहता है वह जंगली जानवरों का शिकार करता हैं |वह अपने में आ जाये तो जंगल के सभी जीवो से लड़ सकता है |
यह अफवाह भी बचपन की थी।स्कूल जाते अचानक किसी ने कहा लकडसुघवा आया हैं। बच्चों को लकड़ी सूंघाकर अपने साथ ले जाता हैं।डर के मारे हमारी हालत पतली हो जाती थी।लेकिन जिससे पूछो आपने लकडसुघवा देखा है ।सभी का जवाब नही ही रहता था।कभी कभी तो लोग यह भी कहते कि फलाने के लड़के को लकदडसुघवा
अपनी लकडी सुघा कर ले जा रहा था।किसी ने देखलिया और रोक दिया।पर न तो न तो किसको ले जा रहा था लकदसुघवा और किसने रोका।यह पता नही चला।ह एक कोरी अफवाह थी।
अपनी लकडी सुघा कर ले जा रहा था।किसी ने देखलिया और रोक दिया।पर न तो न तो किसको ले जा रहा था लकदसुघवा और किसने रोका।यह पता नही चला।ह एक कोरी अफवाह थी।
मुँहनोचवा-
जब हम छोटे थे।छठी सातवीं कक्षा में पढ़ते थे एक सबसे डरावनी अफवाह आयी।जिसमें कहा गया की मुुुहनोचवा आया है सभी का मोह नोच लेता हैं।फिर क्या डर का शिलशिला चालू हो गया।रात को गर्मी में छत पर सोने से भी डर लगने लगा।मुँहनोचवा के ऊपर गण भी बन गया।स्कूल के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी गया गया।लेकिन कई महीनों तक मुँहनोचवा का खौफ हमारे दिलोदिमाग में था।लेकिन यह भी एक कोरी अफवाह थी।
जब हम छोटे थे।छठी सातवीं कक्षा में पढ़ते थे एक सबसे डरावनी अफवाह आयी।जिसमें कहा गया की मुुुहनोचवा आया है सभी का मोह नोच लेता हैं।फिर क्या डर का शिलशिला चालू हो गया।रात को गर्मी में छत पर सोने से भी डर लगने लगा।मुँहनोचवा के ऊपर गण भी बन गया।स्कूल के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भी गया गया।लेकिन कई महीनों तक मुँहनोचवा का खौफ हमारे दिलोदिमाग में था।लेकिन यह भी एक कोरी अफवाह थी।
चोटी कटवा-
यह अफवाह अभी ज्यादा पुरानी नही है।लगभग एक साल पहले की बात है।अचानक खबर आयी कि बाल काटने वाला कीड़ा हैं जो सभी लेडिजो के बाल काट देता हैं।यह दहसत खाश कर औरतों में थी कि मेरे बाल न कट जाए।औरतें बालो को कपड़े से बांध कर रखने लगी थी।न्यूज़ में भी यह खबर आ गयी थी।किशी ने यह भी अफवाह फैला दिया कि चीन ने कोई रोबोट कीडा भेज हैं जो बाल काट रहा हैं लेकिन यह भी अफवाह थीं
यह अफवाह अभी ज्यादा पुरानी नही है।लगभग एक साल पहले की बात है।अचानक खबर आयी कि बाल काटने वाला कीड़ा हैं जो सभी लेडिजो के बाल काट देता हैं।यह दहसत खाश कर औरतों में थी कि मेरे बाल न कट जाए।औरतें बालो को कपड़े से बांध कर रखने लगी थी।न्यूज़ में भी यह खबर आ गयी थी।किशी ने यह भी अफवाह फैला दिया कि चीन ने कोई रोबोट कीडा भेज हैं जो बाल काट रहा हैं लेकिन यह भी अफवाह थीं
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